चैत्र महीना कई वजहों से बेहद खास है. हिंदू कैलेंडर की शुरुआत चैत्र महीने से होती है और नवरात्रि का पावन पर्व भी चैत्र महीने में ही पड़ता है. हर साल चैत्र नवरात्रि के नौ दिन,, मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा होती है और माता प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद भक्तों को प्रदान करती हैं. नवमी तिथि को ही भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव,, ‘रामनवमी’ के पर्व के रूप में बड़े धू्मधाम से मनाया जाता है.
त्रेता युग में चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान विष्णु ने,, अयोध्या के राजा दशरथ और माता कौशल्या के घर में प्रभु श्रीराम के रूप में जन्म लिया था. इसबार रामनवमी का पर्व 10 अप्रैल को मनाया जाएगा. 10 अप्रैल को नवमी तिथि रात्रि 1 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 11 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 15 मिनट पर खत्म होगी. प्रभु श्रीराम की विशेष कृपा पाने के लिए रामनवमी के पर्व का विशेष महत्व है. इस दिन श्रीराम का पूजन-अर्चन करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है.