हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया पर्व का विशेष महत्व है. इसबार ये पर्व 3 मई को है. अक्षय तृतीया के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं.
अक्षय तृतीया का पर्व हर साल वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन सतयुग और त्रेता युग की शुरुआत हुई थी. इसके अलावा द्वापर युग की समाप्ति भी इस दिन हुई थी. कहते हैं अक्षय तृतीया के दिन किए गए शुभ कार्य फलीभूत होते हैं, और उन कार्यों का अक्षय परिणाम मिलता है. इस दिन दान करने और सोना खरीदने की भी परंपरा है. इस बार अक्षय तृतीया इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन रोहिणी नक्षत्र और शोभन योग की वजह से मंगल रोहिणी योग बन रहा है. चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में, शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में, शनि स्वराशि कुंभ में और गुरू स्वराशि मीन में रहेंगे. तृतीया तिथि के कारण सर्वसिद्धि योग भी बन रहा है.