वैसे तो हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं लेकिन पूरे भारत में सिर्फ एक मंदिर ऐसा है,,,जिसमें बजरंग बली,,,अपनी पत्नी देवी सुवर्चला के साथ विराजमान हैं। ये मंदिर तेलंगाना के खम्मम में है। ऐसा कहा जाता है कि यहां दर्शन करने के बाद पति और पत्नी के बीच सारे विवाद सुलझ जाते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं का दाम्पत्य जीवन सुखमय हो जाता है।
दरअसल सूर्य देव हनुमान जी के गुरू थे। बजरंग बली को सूर्य देवता से ही सारी शिक्षा-दीक्षा मिली थी। सूर्य देव ने हनुमान जी को कुल 9 विद्याओं में से 5 विद्याओं में तो पारंगत कर दिया लेकिन बची हुई 4 विद्याओं के लिए बजरंगबली का विवाहित होना जरूरी था। तब सूर्य देव ने अपनी तपस्वी बेटी देवी सुवर्चला से सांकेतिक विवाह करने का प्रस्ताव हनुमान जी को दिया। पहले तो हनुमान जी विवाह के लिए तैयार नहीं हुए, फिर सूर्य देव ने हनुमान जी से कहा कि विवाह के बाद भी तुम ब्रह्मचारी ही रहोगे क्योंकि सुवर्चला विवाह के बाद फिर से तपस्या में चली जाएगी। इसके बाद हनुमान जी ने सूर्य देव से अपनी बाकी बची शिक्षा प्राप्त की और देवी सुवर्चला हमेशा के लिए तपस्या में लीन हो गईं।