5 मई को पड़ने वाली वैशाख पूर्णिमा को गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है. पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्रमा हैं, इसलिए रात्रि के समय चंद्र देव को अर्घ्य देने से धन-संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है. इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने से लाभ होता है.
इस बार वैशाख पूर्णिमा तिथि पर साल का पहला उपछाया चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. पूर्णिमा तिथि और चंद्र ग्रहण एक ही दिन होने पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. चंद्र ग्रहण का समय रात्रि 8:45 से रात्रि 1 बजे तक है. ज्योतिषियों के अनुसार यूं तो चंद्र ग्रहण से पहले भद्रा का साया रहता है, लेकिन इस बार भद्रा का वास पाताल लोक में है, जिस कारण धरती पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं रहेगा. ऐसे में वैशाख पूर्णिमा के दिन भद्रा का असर नहीं होगा और इस दिन सूतक नहीं लगेगा. ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा की मध्य रात्रि को श्रीसूक्तम् के पाठ से माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.