सब जानते हैं कि त्रेता युग में भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम 14 साल तक वनवास पर रहे. इस दौरान भगवान राम, सीता जी और लक्ष्मण जी के साथ कई स्थानों पर गए. ऐसा माना जाता है कि श्रीराम के वनवास के बीच में लंका के राजा रावण ने माता सीता का हरण कर उन्हें जिस अशोक वाटिका में रखा था,, वो आज भी श्रीलंका में दर्शनीय स्थल के रूप में विद्यमान है.
नुवराएलिया में ऊंची पहाड़ी पर स्थित अशोक वाटिका के आसपास चाय के बागान और खूबसूरत झरना है. इस अशोक वाटिका को सीता एलिया भी कहा जाता है. जानकारों की मानें तो ये वही अशोक वाटिका है जहां सीता जी ने करीब 11 महीने एक पेड़ के नीचे गुजारे थे. इस वाटिका में हनुमान जी के पद्चिन्ह आज भी मौजूद हैं. ऐसा कहा जाता है कि लंका में जब हनुमान,, सीता जी को खोजते हुए पहली बार अशोक वाटिका में आए, तो उनका पहला कदम जिस जगह पड़ा, वहां बड़ा सा गड्ढा बन गया. ये भी कहा जाता है कि लक्ष्मण जी के मूर्छित होने पर हनुमान जी जिस संजीवनी बूटी वाले पहाड़ को हिमालय से उठा कर लाए थे, वो यहीं पर स्थित है.