नौ दिनों तक चलने वाली चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा होती है. चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है.
पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर नाम के राक्षस ने कठोर तपस्या करके ब्रह्मा जी से ऐसा वरदान पाया था, जिसके कारण उसकी मृत्यु लगभग असंभव थी. ब्रह्मा जी से वरदान पाने के बाद उसने तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया, जिससे सभी देवता परेशान हो गए. तब त्रिदेवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और महेश के तेज से मां दुर्गा प्रकट हुईं. मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों को देवताओं ने अपने-अपने शस्त्र देकर महिषासुर का अंत करने की प्रार्थना की, जिसके बाद माता ने नवरात्रि में महिषासुर का वध किया. यही कारण है कि चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना करके माता के सभी नौ स्वरूपों की बड़ी विधि-विधान से पूजा होती है. वहीं ज्योतिषियों की मानें तो इस बार चैत्र नवरात्रि में एक ही राशि में पांच-पांच ग्रहों की युति होने से कई तरह के महायोग बन रहे हैं.