हिंदू धर्म में चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है. इसे शीतला अष्टमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन आरोग्य की देवी माता शीतला की पूजा का विधान है. शीतला अष्टमी के दिन बासी भोजन करने की परंपरा है.
इस बार शीतला अष्टमी का पर्व 15 मार्च को है. अष्टमी तिथि,, 14 मार्च की रात 8:22 बजे से 15 मार्च की शाम 6:45 बजे तक रहेगी. उदयातिथि के कारण शीतला अष्टमी व्रत 15 मार्च को रखा जाएगा. ऐसी मान्यता है कि चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माता शीतला की पूजा करने से घर में चेचक जैसी बीमारियों का खतरा नहीं रहता है. इस दिन व्रत रखकर विधि विधान से माता शीतला का पूजन किया जाता है. एक दिन पहले तैयार किए गए पकवान को अष्टमी तिथि के दिन माता को भोग लगाया जाता है, यानि इस दिन माता को बासी पकवानों का भोग लगाया जाता है क्योंकि शीतला अष्टमी पर ताजा या गर्म भोजन करना वर्जित माना गया है. कहते हैं ऐसा करने से व्यक्ति पर माता शीतला की कृपा होती है और रोग उससे दूर ही रहते हैं.