हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह बुध है. ज्योतिष में भी इसे राजकुमार कहा गया है. ये ग्रह मुख्यता बुद्धि, वाणी, लेखन और वाद-विवाद के गुण का कारक है. शरीर में बुध ग्रह का सबसे ज्यादा प्रभाव दांत, गर्दन, कंधे और त्वचा पर देखने को मिलता है.
कुंडली के प्रथम भाव यानि लग्न में बुध ग्रह को काफी शुभ माना गया है. द्वितीय भाव में स्थित बुध व्यक्ति को गीत-संगीत में पारंगत करता है. तृतीय भाव में बुध ग्रह होने के कारण व्यक्ति में अच्छे निर्णय लेने की क्षमता होती है. चतुर्थ भाव में ये ग्रह व्यक्ति में नेतृत्व शक्ति का गुण प्रदान करता है. पंचम भाव का बुध व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान दिलाता है. छठे भाव में स्थित बुध से व्यक्ति को करियर में बाधाओं का सामना करना पड़ता है. सप्तम भाव में बुध होने से व्यक्ति को व्यापार में सफलता मिलती है. अष्टम भाव में स्थित बुध स्वास्थ्य संबंधी समस्या पैदा करता है. नवम भाव का बुध अच्छी ख्याति दिलाता है. दशम भाव में बुध व्यक्ति को समाजसेवी बनाता है. एकादश भाव का बुध व्यक्ति को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाता है. द्वादश भाव में बुध व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव लाता है.