ज्योतिष में शुक्र को काफी शुभ ग्रह माना गया है क्योंकि ये भौतिक सुख, संपन्नता, भोग, विलासिता, सौन्दर्य और काम वासना का कारक ग्रह होता है. शुक्र,, वृषभ और तुला राशि का स्वामी है. मीन राशि में ये उच्च का और कन्या राशि में नीच का ग्रह हो जाता है. अगर किसी कुंडली में शुक्र की स्थिति ठीक हो तो उसका वैवाहिक जीवन सुखी होता है. अच्छे शुक्र की वजह से व्यक्ति का प्रजेंटेशन अच्छा होता है. ऐसे लोगों को यश और कीर्ति पाने में कोई दिक्कत नहीं आती. जब कुंडली में शुक्र खराब स्थिति में होता है तो व्यक्ति को जीवन में सुख नहीं मिलता. ऐसे व्यक्ति का वैवाहिक जीवन भी नीरस हो जाता है. शुक्र कमजोर होने पर व्यक्ति को शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए.
शुक्र ग्रह से प्रभावित व्यक्ति कवि, चित्रकार, वाहन विक्रेता, वाहन बनाने वाले, व्यापारिक संस्थान, आभूषण विक्रेता, आर्किटेक्ट का कार्य करता है. शुक्र व्यक्ति में काव्यात्मक और कलात्मक प्रतिभा देता है. शुक्र इंद्रिय सुख, भौतिक सुख-सुविधाओं और उत्तेजना का कारक ग्रह है. ये ग्लैमर का प्रतिनिधित्व करता है. शुक्र से काम सुख, कला और संस्कृति को देखा जाता है.