ज्योतिष में मंगल ग्रह को शक्ति, पराक्रम और साहस का कारक माना जाता है. विवाह के समय मांगलिक विचार कुंडली में मंगल की स्थिति को देखकर ही किया जाता है. किसी कुंडली में अगर मंगल की स्थिति लग्न से पहले, चौथे, 8वें और 12वें भाव में होती है तो वो व्यक्ति मांगलिक होता है. इसके प्रभाव के कारण पति या पत्नी की मृत्यु होना, तलाक, व्यापार में घाटा, नौकरी से निकाला जाना और मृत्युतुल्य कष्ट जैसे परिणाम भोगने पड़ते हैं. जहां एक ओर मंगल की खराब स्थिति व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है. वहीं दूसरी ओर मंगल की अच्छी स्थिति व्यक्ति को जीवन में कामयाब भी बनाती है. कुंडली में मंगल अशुभ होने पर जहां हानि कराता है, वहीं वो राजयोग भी फलित करता है.
मंगल के शुभ योग की बात करें तो मंगल और चंद्रमा के संयोग से बना लक्ष्मी योग व्यक्ति को भाग्यशाली बनाता है. इसके अलावा अगर मजबूत मंगल मेष, वृश्चिक या मकर राशि में हो तो कुंडली में रूचक योग बनता है. ये योग व्यक्ति को राजा, भू-स्वामी, सेनाध्यक्ष और प्रशासक जैसे बड़े पद दिलाने में सहायक होता है.