व्यक्ति के पूरे जीवन में एक क्रम से ग्रहों की महादशाएं आती रहती हैं. जातक जिस नक्षत्र में जन्म लेता है, उसी के स्वामी ग्रह की महादशा सबसे पहले शुरू होती है. नौ ग्रहों के राजा सूर्य की बात करें तो सूर्य की महादशा जीवन में 6 साल के लिए आती है. सूर्य मेष राशि में उच्च के और तुला राशि में नीच के माने जाते हैं.
सूर्य की महादशा में व्यक्ति को प्रशासन में उच्च पद और समाज में मान-सम्मान मिलता है. इसके अलावा आर्थिक उन्नति भी तेजी से होती है. व्यक्ति के जीवन में अगर सूर्य की महादशा सही समय पर आ जाए तो उसके सपने एक झटके में पूरे हो सकते हैं. कुंडली में सूर्य की स्थिति शुभ होने पर व्यक्ति को सूर्य की महादशा में काफी शुभ फल प्राप्त होते हैं. व्यक्ति की करियर ग्रोथ होती है और उसमें आत्मविश्वास बढ़ता है. वहीं अगर कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में है तो सूर्य की महादशा के दौरान व्यक्ति काफी क्रोधी हो जाता है और इसका प्रभाव उसकी सेहत पर पड़ता है. इसलिए जरूरी है कि रोज सुबह सूर्य देव को तांबे के लोटे से अर्घ्य दिया जाए.