देवों में सर्वप्रथम पूजनीय भगवान गणेश की आज जयंती है. बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित होने के कारण इस बार इसका महत्व और भी बढ़ गया है. ये पर्व हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इसे माघी गणेशोत्सव, माघ विनायक चतुर्थी, वरद चतुर्थी और वरद तिल कुंद चतुर्थी भी कहा जाता है.
गणेश जयंती पर भगवान गणपति की विधि-विधान से पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा से बप्पा की आराधना करता है, वो सारी विघ्न और बाधाओं से मुक्त हो जाता है. गणेश जी का ध्यान करने मात्र से व्यक्ति की सभी परेशानियां पलभर में दूर हो जाती हैं. गणेश जयंती पर बप्पा को उनके पसंदीदा मोदक का भोग लगाना चाहिए, साथ ही गणेश चालीसा का पाठ भी करना चाहिए. इस बार गणेश जयंती पर रवि योग, परिघ योग और शिव योग होने के कारण इसे काफी शुभ माना जा रहा है.