जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु चातुर्मास के दौरान पाताल लोक में निवास करते हैं. कहा जाता है विष्णु जी को समर्पित एकादशी की तिथियों में से एक भादो मास में पड़ने वाली परिवर्तिनी एकादशी के दिन प्रभु श्रीहरि विश्राम के दौरान करवट बदलते हैं. इसलिए इस दिन नारायण की पूजा करने से सभी पाप कर्मों का नाश होता है और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है.
इस बार परिवर्तिनी एकादशी तिथि 6 सितंबर को सुबह 5:54 बजे से शुरू होगी और 7 सितंबर को सुबह 3:04 बजे समाप्त होगी. इस साल परिवर्तिनी एकादशी तिथि इसलिए और भी खास है क्योंकि इस दिन शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन पड़ने वाले 4 खास योग एकादशी के फल को और बढ़ाने वाले हैं, इनमें आयुष्मान, सौभाग्य, रवि और त्रिपुष्कर योग शामिल हैं. इन योगों के बीच एकादशी का व्रत और भगवान नारायण की आराधना विशेष फलदायक रहेगी. परिवर्तिनी एकादशी के दिन पूजन-अर्चन से लोगों के जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं.