शिव ही शक्ति हैं और शक्ति ही शिव हैं। इसलिए भगवान रूद्र की पूजा के साथ-साथ माता के शक्तिस्वरूप दुर्गा की आराधना करना बेहद शुभ होता है। ऐसा करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं और मनचाहा फल प्रदान करती हैं। नवरात्रि में मां के सभी नौ रूपों की पूजा करने से जीवन में खुशियों का संचार होता है। इस साल नवरात्रि में विशेष संयोग बना है। इस बार नवरात्रि में चार योग,, सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि महायोग, अमृत योग और बुधादित्य योग बने हैं।
नवरात्रि में मां दुर्गा के स्वरूपों की पूजा का इसलिए महत्व है क्योंकि माता ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध किया था। उसे ब्रह्मा जी का वरदान था कि वो ना ही देवताओं के हाथों, ना राक्षसों और ना ही पृथ्वी पर रहने वाले किसी भी मनुष्य के हाथों मारा जाएगा। वरदान की वजह से महिषासुर ने ऐसा आतंक मचाया कि सभी देवता उससे परेशान होकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास गए। फिर तीनों आदिशक्ति के तेज से मां दुर्गा प्रकट हुईं। मां दुर्गा और महिषासुर के बीच 9 दिनों तक भयंकर युद्ध चला और फिर मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। वहीं एक कथा ये भी है कि त्रेता युग में भगवान राम ने लंका पर आक्रमण से पहले रावण से युद्ध में जीत के लिए रामेश्वरम में मां दुर्गा की आराधना की थी। 9 दिनों तक पूजा-अर्चना से प्रसन्न होकर मां ने श्रीराम को विजय प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था। जिसके बाद राम ने रावण को हराकर लंका जीत ली थी।