संघर्ष हर किसी के जीवन का हिस्सा है। कुछ लोगों के जीवन में कम संघर्ष होता है तो कुछ के जीवन में ज्यादा। कई बार ये देखने में आता है कि कुछ लोगों का काम जल्दी नहीं बनता, उन्हें किसी से अपना काम करवाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। ज्योतिष में ऐसा कालसर्प दोष के कारण होता है।
जिनकी भी कुंडली में ये दोष है,, उनके जीवन में कठिनाइयां बहुत आती हैं। जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है,, उन्होंने कभी न कभी जाने-अनजाने में अपने पूर्वजों को बहुत सताया होता है। इस कारण से उनके जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव आते हैं। किसी भी कुंडली में राहु और केतु की स्थिति आमने-सामने होती है और दोनों छाया ग्रह होते हैं। कुंडली में राहु और केतु हमेशा वक्री चाल से चलते हैं। सूर्य और चंद्रमा से राहु-केतु की शत्रुता मानी जाती है। अगर इन दोनों के बीच एक तरफ सभी ग्रह हों और दूसरी ओर कोई भी ग्रह न रहे, तो ऐसी स्थिति में कालसर्प योग बनता है। इसे ही कालसर्प दोष कहा जाता है।