चैत्र नवरात्रि शुरू होने के साथ-साथ हिंदू नववर्ष भी प्रारंभ हो गया है. नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है. माता के इस स्वरूप की आराधना से व्यक्ति में ज्ञान का संचार होता है.
कहते हैं चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि की रचना की थी. इस कारण हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करने से व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है. ब्रह्मचारिणी का अर्थ होता है तपस्या का आचरण करने वाली. इसलिए कहा जाता है कि माता ने अपनी कठोर साधना के जरिए ब्रह्मा जी से आशीष पाकर कई असुरों का अंत किया. मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में कमंडल सुशोभित होता है. ज्योतिष की बात करें तो द्वितीया तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा, जो काफी शुभकारी है.