माघ का महीना कई मायनों में बेहद खास है. इस महीने में स्नान और दान की विशेष परंपरा है. माघ महीने में मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे प्रमुख पर्व को लोग बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं.
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार गौतम ऋषि ने स्वर्ग के राजा इंद्र को श्राप दे दिया था. काफी क्षमा याचना के बाद गौतम ऋषि ने उन्हें माघ के महीने में गंगा स्नान कर प्रायश्चित करने को कहा, जिसके बाद इंद्र को ऋषि के श्राप से मुक्ति मिली. यही कारण है कि माघ के महीने में गंगा स्नान का काफी महत्व है. माघ के महीने में पड़ने वाला खास पर्व मकर संक्रांति,, सूर्य के राशि परिवर्तन की खुशी में ही मनाया जाता है. ज्योतिष के अनुसार सूर्य की स्थिति हर 30 दिन में बदलती है, इस कारण साल में 12 संक्रांति होती हैं. सूर्य का जिस राशि में प्रवेश होता है, उसी के अनुसार उस संक्रांति का नामकरण होता है. जैसे सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के कारण धनु संक्रांति और सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के कारण मकर संक्रांति का योग बनता है.