ज्योतिष में मंगल ग्रह को सेनापति के रूप में माना गया है, क्योंकि ये ऊर्जा, साहस और भूमि का प्रतिनिधित्व करता है. किसी कुंडली में मंगल अपने भाव और स्थिति के अनुसार रचनात्मक तथा विनाशकारी दोनों प्रकार की ऊर्जाओं को दर्शाता है.
कुंडली में अगर मंगल प्रबल है तो व्यक्ति निडरता से कोई भी फैसला लेने में सक्षम होता है और कार्य को बेहतर तरीके से सफल बनाता है. उसके शरीर में ऊर्जा बनी रहती है जिससे वो जीवन में काफी प्रगति करता है. विपरीत परिस्थितियां आने पर वो व्यक्ति जरा भी घबराता नहीं है. चुनौतियों को स्वीकार करता हुआ आगे बढ़ता रहता है. वहीं अगर किसी कुंडली में मंगल कमजोर स्थिति में हो तो व्यक्ति को दुर्घटना का सामना करना पड़ता है. व्यक्ति को जीवन में उसके शत्रुओं से पराजय, जमीन संबंधी विवाद और कर्ज जैसी समस्याएं झेलनी पड़ती है. इसके अलावा व्यक्ति के पारिवारिक जीवन में भी समस्याएं बनी रहती हैं. मंगल ग्रह से पीड़ित व्यक्ति अगर रोज सुबह सूर्य देव को जल चढ़ाएं और मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें तो अच्छा रहता है. इसके अलावा व्यक्ति को अपने बड़े भाई-बहनों से संबंध भी मधुर रखने चाहिए.