केतु को छाया ग्रह माना जाता है. केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य भी पड़ता है. अशुभ केतु शारीरिक परेशानियां देता है. व्यक्ति को मुख्य रूप से त्वचा, कान, रीढ़ की हड्डी, घुटने, लिंग, किडनी और जोड़ों के दर्द जैसे रोग मिलते हैं. केतु ग्रह के कारण खासतौर पर व्यक्ति के सिर के नीचे का हिस्सा कमजोर हो जाता है. केतु खराब हो तो फोड़े-फुंसियां होती हैं. थोड़ा और केतु खराब हो तो शरीर का घाव जल्दी नहीं भरता है. इसके अलावा केतु रहस्यमयी बीमारियां भी देता है. त्वचा और रक्त संबंधी विचित्र बीमारियों के पीछे अशुभ केतु ही होता है.
खून की कमी, अपच की शिकायत, बवासीर और चर्म रोग जैसी बीमारियां केतु ग्रह के कमजोर होने के कारण ही होती हैं. ऐसे में इन सब से बचने के लिए व्यक्ति अगर योग और आसन का सहारा ले तो काफी हद तक व्यक्ति को राहत मिल सकती है. व्यक्ति को अग्निसार, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, प्राणायाम, शीर्षासन करने से लाभ हो सकता है.