जिन सूर्य पुत्र शनि की दृष्टि से पूरी दुनिया डरती है,, वही न्याय के देवता कहे जाने वाले शनि देव, प्रभु श्रीराम के लाडले यानि हनुमान जी के भक्तों को कभी परेशान नहीं करते. पौराणिक कथा के अनुसार एक बार शनि देव को अपनी शक्ति पर अहंकार हो गया था. जब शनि देव को हनुमान जी के बारे में पता चला तो वे बजरंग बली से युद्ध के लिए चल पड़े. राम भक्ति में डूबे हनुमान जी को देखकर शनि देव उन्हें युद्ध के लिए ललकारने लगे.
हनुमान जी ने उन्हें कई बार मना किया लेकिन वे नहीं माने,, तब हनुमान जी ने शनि देव को अपनी पूंछ में बांध लिया और फिर से वे राम भक्ति में लीन हो गए. राम भक्ति में व्यस्त होने के कारण उन्हें समय का ज्ञान नहीं रहा और जब उन्हें याद आया तब उन्होंने शनि देव को बंधनमुक्त किया. शनि देव के काफी जख्मी होने पर हनुमान जी ने उनके शरीर पर तेल लगाकर उनकी पीड़ा शांत की. तब शनि देव ने कहा कि जो भक्त मुझे तेल चढ़ाएगा उसको मेरे दिए हुए कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी.