ज्योतिषियों के अनुसार इस साल 6 मार्च की शाम 4 बजकर 18 मिनट से भद्रा शुरू होने के कारण होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा. शास्त्रों में भद्राकाल को अशुभ माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि अगर भद्राकाल के समय होलिका दहन किया जाए तो इसके अशुभ परिणाम होते हैं. होलिका दहन,, भद्रा के बाद फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा की रात को ही करना चाहिए.
भद्रा के बारे में कहा जाता है कि अगर भद्राकाल के समय चंद्रमा,,, मेष, वृष, मिथुन या वृश्चिक राशि में हो तो भद्रा का निवास स्थान स्वर्ग में होता है. अगर चंद्रमा,, कन्या, तुला, धनु और मकर राशि में हो तो भद्रा पाताल लोक में निवास करती हैं. अगर चंद्रमा,, कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि में हो तो भद्रा का निवास स्थान पृथ्वीलोक होता है. भद्रा,, जिस स्थान पर रहती हैं, वहां के लोगों को उसके अशुभ परिणाम दिखाई पड़ते हैं. 6 मार्च को चंद्रमा के सिंह राशि में होने के कारण इस बार भद्रा का निवास स्थान पृथ्वीलोक है. यही कारण है कि होलिका दहन 6 मार्च के बजाए 7 मार्च को होगा.