दीपावली से एक दिन पहले और धनतेरस के अगले दिन यानि छोटी दीपावली को नरक चतुर्दशी का पर्व होता है. हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ये पर्व मनाया जाता है. इस दिन यम देवता की पूजा करने से नरक की सभी यातनाओं से मुक्ति मिलती है और अकाल मृत्यु का डर समाप्त होता है. इसलिए इसे नरक मुक्ति का पर्व भी माना जाता है. इस दिन यम देवता का पूजन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सकारात्मकता आती है. नरक चतुर्दशी के दिन शाम को यमदेव की पूजा करनी चाहिए और चौखट के दोनों ओर दीप जलाकर रखना चाहिए.
इस बार नरक चतुर्दशी तिथि 3 नवंबर यानि बुधवार को सुबह 9:02 बजे से शुरू होकर 4 नवंबर यानि गुरुवार को सुबह 6:03 बजे तक रहेगी. इस दिन कुल 6 देवी-देवताओं यमराज, काली मां, श्री कृष्ण, शिव जी, हनुमान जी और वामन देवता की पूजा का विधान है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन मां काली की पूजा-अर्चना करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है.