शास्त्रों के अनुसार व्रत या उपवास रखना भी एक तरह का तप ही है। जिसने व्रत रखा, समझो उसे भगवान ने ही तप करने की शक्ति प्रदान की है। श्रीहरि का ही एक व्रत है एकादशी। ऐसा माना जाता है कि एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति के जीवन में परेशानियां कोसो दूर रहती हैं। उसे सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। वैसे तो हर महीने दो एकादशी पड़ती हैं- एक शुक्ल पक्ष की एकादशी और दूसरी कृष्ण पक्ष की एकादशी।
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा से व्यक्ति को इस जन्म और पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है। कहा जाता है कि एकादशी के व्रत से सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र के सभी कष्ट दूर हो गए थे। इतना ही नहीं एकादशी की कथा सुनने से अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। एकादशी व्रत की इच्छा रखने वाले व्यक्ति एकादशी से पूर्व रात्रि में चावल, मसूर की दाल, लहसुन और प्याज का सेवन न करें।