ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, धन, वैभव, प्रेम और यौन संबंधों का कारक माना गया है. किसी व्यक्ति का अपना खुद का बर्ताव शुक्र ग्रह को प्रभावित कर सकता है,,,क्योंकि व्यक्ति का खराब स्वभाव भी शुक्र के खराब होने का संकेत करता है.
अगर कोई व्यक्ति अपने परिजनों से अच्छा बर्ताव ना करे और घर में कलह बनी रहे तो शुक्र खराब होने लगता है. ऐसे घर में लक्ष्मी जी का वास नहीं होता. कोई व्यक्ति किसी पराई नारी से यौन संबंध बनाता है,,,तो ये भी शुक्र को खराब कर सकता है. शुक्र के खराब होने के संकेत तब मिलते हैं जब व्यक्ति के पास से धन और पत्नी प्रेम दोनों ही दूर होने लगता है. इसके साथ ही पीड़ित व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी शुक्र का बुरा प्रभाव पड़ने लगता है. पुरुष की कुंडली में अगर शुक्र खराब हो तो ये उसके लिए बहुत बुरा होता है. पुरुष की कुंडली का खराब शुक्र उसे यौन रोग दे सकता है. नारी की कुंडली में शुक्र अच्छा होने पर उसका विवाह जल्दी होता है और उसे सुयोग्य वर मिलता है. पुरुष कुंडली में शुक्र की मजबूती उसे अनेक स्त्रियों का चहेता बनाती है.