ज्योतिष में किसी भी ग्रह को खराब नहीं माना गया है. ग्रहों का अच्छा या बुरा प्रभाव कुंडली में उनकी स्थिति के अनुसार तय होता है. नौ ग्रहों की बात करें तो मंगल को तप्त ग्रह कहा गया है. अगर किसी कुंडली में मंगल की स्थिति अच्छी हो तो व्यक्ति के जीवन में सब मंगल ही मंगल होता है, लेकिन अगर यही मंगल किसी कुंडली में खराब स्थिति में होता है तो वो व्यक्ति के जीवन में परेशानी पैदा कर देता है.
खराब मंगल के कारण व्यक्ति अत्यधिक क्रोधी स्वभाव का होता है. उसके अंदर चिड़चिड़ापन और धैर्य की कमी होती है. खराब मंगल के कारण व्यक्ति का जमीन को लेकर विवाद रहता है. आग में जलना, लगातार चोट लगते रहना और छोटी-छोटी दुर्घटनाओं का होना अशुभ मंगल के कारण ही होता है. अशुभ मंगल के प्रभाव को कम करने के लिए हर मंगलवार हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए.