सकट चौथ का व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और मंगल कामना के लिए रखती हैं. माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ये पर्व मनाया जाता है. सकट चौथ का व्रत गणेश जी के प्रति अपनी आस्था को प्रकट करने का त्योहार है.
साल भर में पड़ने वाली सभी चौथ में ये सबसे बड़ी चौथ मानी जाती है. इसे माघी चौथ, तिल चौथ और तिल कूट चतुर्थी भी कहा जाता है. सकट चौथ के दिन माताएं अपनी संतान के लिए गणेश जी का व्रत और पूजन करती हैं. व्रत के पूजन में काले तिल का अपना विशेष महत्व है. तमाम ज्योतिषियों के मुताबिक इस साल सकट व्रत सौभाग्य योग में पड़ रहा है. इसके बाद शोभन योग लगेगा, जोकि गणेश पूजन के लिए बहुत ही शुभ माने जाते हैं. सकट चौथ के दिन गणेश चालीसा का पाठ और आरती करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. गणेश चालीसा के पाठ से गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूरी करते हैं.