देवों के देव महादेव को समर्पित महाशिवरात्रि का पर्व इस बार 18 फरवरी को है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विधि-विधान से पूजन और व्रत करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही व्यक्ति की कुंडली में मौजूद ग्रह-दोषों से भी छुटकारा मिलता है.
कहते हैं सृष्टि की शुरुआत इसी दिन से हुई थी, इसलिए महाशिवरात्रि को बहुत ही शुभ और विशेष फलदायी माना गया है. महाशिवरात्रि के दिन रूद्राभिषेक होता है और विभिन्न मंत्रों का जाप किया जाता है. ज्योतिष की बात करें तो कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. कालसर्प योग एक ऐसी स्थिति है जब कुंडली में मौजूद सभी ग्रह राहु और केतु के बीच होते हैं. ऐसा नहीं है कि कालसर्प योग हमेशा अशुभ ही होता है. कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार इसका फल अलग-अलग होता है, लेकिन इसकी वजह से जीवन में संघर्ष बना रहता है. आमतौर पर देखा जाए तो ज्यादातर लोगों की कुंडली में कालसर्प योग होता है.