पितर पक्ष चल रहा है और इस दौरान लोग अपने पूर्वजों का तर्पण और श्राद्ध कर्म कर रहे हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले. कहते हैं पितर पक्ष के दौरान पूर्वज इस धरती पर आते हैं और भाव से किए गए श्राद्ध कर्म से प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
ऐसी मान्यता है कि जब ये पितर धरती पर आते हैं तो कौवे के रूप में विचरण करते हैं. ऐसे में इनको पानी पिलाना और भोजन कराना काफी अच्छा माना जाता है. कौवों को भोजन कराने से पितरों की आत्मा संतुष्ट होती है और घर में सुख, शांति और सकारात्मकता आती है. पितर पक्ष के समय अगर कोई गाय या कुत्ता मिल जाए तो उसे खाने के लिए अनाज जरूर देना चाहिए. ऐसा करने से पितर अपना आशीर्वाद आप पर हमेशा बनाए रखेंगे. पितरों में घर आए किसी भी मेहमान, गरीब और लाचार का अपमान नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि पितर किसी भी रूप में आपके घर आ सकते हैं. उन्हें भोजन कराने के साथ-साथ कुछ दान भी करें. इनपर कभी गुस्सा ना दिखाएं, ऐसा करने से पितर नाराज भी हो सकते हैं और आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.