भारतीय सेना और भारत के जवानों के बुलंद हौसलों के आगे चीन की बौखलाहट साफ दिखाई दे रही है। चीन की समझ में ये नहीं आ रहा कि वो करे तो आखिर क्या करे। उकसावे से भरी कार्रवाई करके चीन बार-बार भारत को डराने की कोशिश कर रहा है लेकिन वो शायद भूल गया कि ये 1962 का नहीं बल्कि 2020 का भारत है। पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद से भारतीय सेना के जवानों का मनोबल काफी ऊंचा है। भारतीय जवान,, चीन की पैंतरेबाजी से वाकिफ हैं और वो चीन की हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सरहद पर तैयार बैठे हैं। चीन के उतावलेपन की सबसे बड़ी वजह LAC इलाके में भारत की तरफ से किया जाने वाला सड़क निर्माण कार्य है,, जो उसे बिल्कुल भी रास नहीं आ रहा है। चीन की बेचैनी की असल वजहों पर गौर करें तो कुछ बातें सामने निकल कर आती हैं।
– भारत लद्दाख के सबसे दुर्गम इलाके में LAC के समानांतर दारबुक से श्योक तक करीब 255 किलोमीटर लंबी सड़क बना रहा है।
– करीब साढ़े 16 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी ये सड़क लेह को काराकोरम दर्रे से जोड़ती है और चीन के शिनजियांग प्रांत से लद्दाख को अलग करती है।
– श्योक और काराकोरम दर्रे के बीच सबसे ऊंची एयरस्ट्रिप दौलत बेग ओल्डी 16,000 फीट से अधिक की ऊँचाई पर स्थित है। दौलत बेग ओल्डी से LAC की दूरी करीब 9 किलोमीटर है और इसे कराकोरम दर्रे का बेस माना जाता है।
– इस सड़क से सेना के लिए जरूरत का सामान केवल 6 घंटे में ही लेह से दौलत बेग ओल्डी तक पहुंच जाएगा। दौलत बेग ओल्डी एयरफोर्स के लिये आपूर्ति सामग्री गिराने के लिये एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड भी है।
– दौलत बेग ओल्डी सबसे ऊंचाई वाला इलाका है जहां से भारत,, चीन की हर गतिविधियों पर नज़र भी रख सकता है।
– दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी सड़क से इंटरनेशनल बॉर्डर एरिया, अक्साई चीन, चिप चाप नदी और जीवान नाला से सटे क्षेत्रों पर नज़र रखने में मदद मिलेगी।
– दो नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को बनाए जाने के बाद से चीन नाखुश है क्योंकि लद्दाख के भारतीय क्षेत्र में अक्साई चीन का भी हिस्सा आता है।
यही सब वजहें चीन की आंख का कांटा बनी हुई हैं। इसलिए वो बार-बार उकसावे से भरी कार्रवाई करता रहता है। लेकिन भारतीय सेना के जवान चीन की हर नापाक हरकत का जवाब देने में सक्षम हैं।