ज्योतिष में सभी नौ ग्रह गतिशील होते हैं. व्यक्ति की कुंडली का अध्ययन करते समय गोचर, ग्रहों की स्थिति और राशि पर विचार किया जाता है. इसके अलावा महादशा और अंतर्दशा को ध्यान में रखते हुए उसका विश्लेषण किया जाता है.
नौ ग्रहों की गति की बात करें तो चंद्रमा की गति बाकी सभी ग्रहों में सबसे तेज होती है. चंद्रमा एक राशि में सवा दो दिन तक रहता है, जबकि शनि की गति सबसे कम होने के कारण वो एक राशि से दूसरी राशि में जाने में ढाई वर्ष का समय लगाता है. इसके अलावा राहु और केतु 18 महीने तक एक ही राशि में रहते हैं. गुरू एक राशि में 12 महीने, मंगल डेढ़ से 3 महीने, शुक्र डेढ़ से 2 महीने, सूर्य 30 दिन और बुध 27 दिन तक एक ही राशि में रहते हैं. सूर्य और चंद्रमा दो ऐसे ग्रह हैं जो कुंडली में कभी वक्री या विपरीत गति से नहीं चलते हैं, जबकि राहु और केतु हमेशा वक्री ही रहते हैं.