नाग पंचमी का पर्व कई मायनों में विशेष महत्व रखता है। इस दिन नाग देवता की पूजा का खास विधान है। ये पर्व हर साल श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नागों की पूजा करना काफी कल्याणकारी होता है।
मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन ऐसे जीवों की पूजा करनी चाहिए, जिनसे हमें किसी न किसी रूप में लाभ प्राप्त होता है। ये तो सभी लोग जानते हैं कि भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण जी शेषनाग का अवतार कहलाए जाते हैं। इन्हीं शेषनाग के फन पर संपूर्ण पृथ्वी का भार टिका हुआ है। नाग देवता के द्वारा पूरी पृथ्वी का संतुलन बनाए रखने के लिए इस दिन उनके प्रति विशेष कृतज्ञता प्रकट की जाती है। ताकि आगे भी वो ऐसे ही पृथ्वी की रक्षा करते रहें। क्षीरसागर में विष्णु भगवान की शैया और शिव जी के गले में विराजमान होने के कारण दोनों ही नागों के देवता मानें जाते हैं। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने के साथ-साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा का भी विशेष महत्व है।