ज्योतिष में सूर्य को नौ ग्रहों का राजा कहा जाता है. सूर्य को आत्मा का दर्जा प्राप्त है और इसे पिता का भी कारक माना गया है. कुंडली में सूर्य की अन्य ग्रहों के साथ युति जीवन में अलग-अलग तरह का प्रभाव डालती है.
ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में प्रबल सूर्य की बृहस्पति के साथ युति व्यक्ति को परम ज्ञानी और राजा का सलाहकार बनाती है. जब कुंडली में सूर्य और मंगल की युति होती है तो ऐसा व्यक्ति महाक्रोधी होता है. अगर कुंडली में सूर्य की चंद्रमा के साथ युति शुभ भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति सरकारी नौकरी के साथ-साथ साहित्य की भी परख रखने वाला होता है. वहीं सूर्य और बुध की युति बुधादित्य योग बनाती है, जिसके कारण व्यक्ति को जीवन में उच्च पद के साथ-साथ सम्मान भी मिलेगा. इसके अलावा सूर्य और शुक्र की युति प्रोफेशनल लाइफ के लिए तो अच्छी, लेकिन पर्सनल लाइफ के लिए अच्छी नहीं होती. वहीं सूर्य और शनि की युति के कारण व्यक्ति का जीवन संघर्षों में बीतता है. सूर्य-राहु की युति के कारण जहां व्यक्ति को अपमान का सामना करना पड़ता है, वहीं सूर्य-केतु की युति व्यक्ति को रोगी बनाती है.