ज्योतिष के सभी नौ ग्रहों में बृहस्पति को सबसे शुभ ग्रह माना गया है. किसी कुंडली में अगर बृहस्पति अच्छा हो तो वो लाख दोषों को भी खत्म कर देता है और अगर उसकी स्थिति ठीक नहीं है तो वो तमाम तरह की परेशानियां खड़ी कर देता है. किसी परिवार के सदस्यों के बीच अगर अक्सर विवाद हो रहा हो तो ये समझ जाना चाहिए कि घर के प्रमुख की कुंडली में कहीं न कहीं बृहस्पति खराब स्थिति में है क्योंकि बृहस्पति ग्रह मांगलिक कार्यों के अलावा घर की सुख-शांति, आपसी सामंजस्य और संस्कारों का भी कारक होता है.
घर के प्रमुख की कुंडली में वक्री बृहस्पति हो या पाप ग्रहों से युक्त हो अथवा शत्रु राशि में स्थित हो तो वो व्यक्ति कभी परिवार को साथ लेकर नहीं चलता. भले वो गलत हो लेकिन फिर भी अपनी मर्जी परिवार के बाकी सदस्यों पर थोपने की कोशिश करता है. इस कारण से परिवार के सभी सदस्य उससे नाखुश रहते हैं. बृहस्पति को मजबूत करने के लिए पीले फूलों से भगवान लक्ष्मी नारायण की पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा केले के पेड़ की भी पूजा से बृहस्पति ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं.