शुक्र के बारे में कहा जाता है कि ये ग्रह आपके जीवन में यश-वैभव का स्वामी है. ये ग्रह नारी जाति को रिप्रेजेंट करता है,,,किसी पुरुष की कुंडली में ये पत्नी को और पत्नी की कुंडली में पति को दर्शाता है।
अगर हिंदू धर्म की बात की जाए तो ये ग्रह लक्ष्मी और काली जी से संबंधित माना जाता है। ये ग्रह दैत्यों के गुरू शुक्राचार्य से भी संबंधित माना गया है। शुक्र को सुख साधनों का कारक माना जाता है। धन-संपत्ति, भोग विलास, रूप-सौंदर्य, मोहित करने की कला, गीत-संगीत में निपुणता, विवाह, ग्रहस्थ जीवन का सुख सब कुछ इसी ग्रह के शुभ फल होते हैं। आपकी कुंडली में अगर शुक्र ठीक है तो सब बढ़िया ही बढ़िया और अगर खराब हैं तो आपको जीवन में कई तरह के दुखों का सामना करना पड़ सकता है। शुक्र ग्रह के अशुभ होने पर आपको आर्थिक कष्ट, पति-पत्नी में अनबन, त्वचा संबंधित रोग, मूत्राशय, गर्भाशय और गुप्त रोगों की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। आमतौर पर ये देखा गया है कि इस ग्रह के बिगड़ने पर लोग लक्ष्मी जी से संबंधित उपाय करते हैं।