नौ ग्रहों में मंगल को सेनापति का दर्जा प्राप्त है. मंगल पराक्रम और साहस का कारक है. ज्योतिष के अनुसार,, मंगल की बृहस्पति, चंद्रमा, शुक्र और बुध के साथ एक राशि में युति शुभ परिणाम देती है, वहीं शनि, राहु और केतु के साथ मंगल की युति अशुभ फल देती है.
मंगल की अन्य ग्रहों के साथ युति का अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है. ज्योतिष में जहां मंगल की सूर्य के साथ युति पिता और पुत्र में मतभेद पैदा करती है, वहीं मंगल और बृहस्पति की युति व्यक्ति की ऊर्जा को बढ़ाने का काम करती है. ऐसा व्यक्ति एक अच्छा शिक्षक होता है. मंगल के साथ चंद्रमा की युति से लक्ष्मी योग बनता है, जिसके कारण व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है. इसके अलावा मंगल और बुध की युति से व्यक्ति राजनीति और लेखन के क्षेत्र में खूब नाम कमाता है. मंगल के साथ शुक्र की युति रिश्तों में गलतफहमी पैदा करती है. ऐसा व्यक्ति कामुक और हिंसक प्रवृत्ति का होता है. मंगल और शनि की युति व्यक्ति को देर से सफलता दिलाती है. मंगल-राहु की युति जहां व्यक्ति को ठग बनाती है, वहीं मंगल-केतु की युति व्यक्ति के स्वास्थ्य पर असर डालती है.