किसी व्यक्ति को टटोलना हो तो उसकी कुंडली जरूर झांककर देखें। व्यक्ति की कुंडली ही उसके जीवन का आइना है। जैसी ग्रहों की स्थिति कुंडली में बनेगी व्यक्ति जीवन में भी वैसा ही अनुभव करेगा। ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की दशा, आपस में उनका संबंध, ग्रहों का बलाबल, नक्षत्र और योग ही उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफल और असफल बनाते हैं। कुंडली में शुभ ग्रहों का किसी विशेष भाव में मौजूद होना उत्तम योग का कारक है। कुंडली में गुरू, मंगल, बुध, शुक्र और शनि में से एक ग्रह या एक से अधिक ग्रहों का किसी विशेष भाव में होना पंच महापुरुष योग बनाता है। रूचक योग, भद्र योग, हंस योग, मालव्य योग और शश योग ये पांचों ही पंच महापुरुष योग हैं। इनमें मंगल रूचक योग, बुध भद्र योग, गुरू हंस योग, शुक्र मालव्य योग और शनि शश योग बनाते हैं।
पंच महापुरुष योग में व्यक्ति को हर तरह के सुख मिलते हैं। उसका जीवन खुशहाल रहता है और उसे जीवन में किसी भी प्रकार का कोई कष्ट नहीं होता। इसके अलावा व्यक्ति दीर्घायु प्राप्त करता है।