कुंडली में राहु और केतु ग्रहों का अपना कोई अस्तित्व नहीं होता है. ये जिस भी ग्रह के साथ बैठते हैं वैसा ही फल देने लगते हैं. जब देवताओं और असुरों ने अमृत पाने के…
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जानें ‘गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र’ का महत्व और कथा
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र को एक दिव्य मंत्र के रूप में जाना जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार क्षीरसागर में 10 हजार योजन ऊंचा एक त्रिकूट नाम का पर्वत था. उस पर्वत के चारों ओर जंगल…
Read Moreजानें पुष्कर झील की कथा और उसका महत्व
राजस्थान के पुष्कर में सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी का एक मात्र मंदिर है. ये मंदिर रत्नगिरी पर्वत की तलहटी पर स्थित है. यहां तीन झीलें हैं,, जो ज्येष्ठ, मध्यम और लघु पुष्कर के नाम…
Read Moreजानें तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त और महत्व
15 नवंबर यानि सोमवार को तुलसी-शालिग्राम विवाह है. इस दिन भगवान नारायण के स्वरूप शालिग्राम का विवाह तुलसी जी से कराने की प्रथा है. एकादशी तिथि के समाप्त होते ही 15 तारीख को सुबह 6…
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