11 अक्टूबर यानि सोमवार को नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है. मां दुर्गा का ये छठा स्वरूप देवियों में बेहद सुंदर है. मां कात्यायनी सोने के समान चमकीली हैं. नवरात्र का छठा दिन विवाह योग्य कन्याओं के लिए काफी अच्छा माना गया है. जिन कन्याओं के विवाह में किसी भी तरह की कोई अड़चन आ रही हो, वो मां कात्यायनी की पूजा करके विशेष फल प्राप्त कर सकती हैं. ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण को पति रूप में पाने की अभिलाषा में ब्रज की गोपियों ने यमुना के तट पर मां कात्यायनी की ही पूजा की थी.
मां कात्यायनी की पूजा और व्रत करने से हर तरह की बाधाओं से मुक्ति मिलती है. माता की आराधना से व्यक्ति को लाभ मिलता है और वो अपनी मेहनत और योग्यता के बल पर धनार्जन करने में सफल हो जाता है. माता को प्रसन्न करने के लिए भोग के रूप में शहद युक्त पान चढ़ाना चाहिए. नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना से माता की कृपा हमेशा बनी रहती है.