ईश्वर के तीन अतिविशिष्ट रूप ब्रह्मा, विष्णु और महेश…ब्रह्मा जिन्होंने सृष्टि की रचना की, विष्णु जिन्हें पालनहार और महेश जिनको संहारक माना जाता है। ब्रह्मा जी सृष्टि के रचयिता होने के साथ-साथ वेदों के भी देवता माने जाते हैं। उन्होंने ही हमें चार वेदों का ज्ञान दिया। हिंदू धर्म के अनुसार, चार चेहरे और चार हाथ एवं चारों हाथों में एक-एक वेद लिए ब्रह्माजी अपने भक्तों का उद्धार करते हैं।
जहां एक ओर भगवान विष्णु और उनके अवतारों को हर तरफ पूजा जाता है तो वहीं दूसरी ओर भगवान शिव के भक्तों की संख्या भी कम नहीं है। वैसे तो विष्णु जी और भोलेनाथ के भारत में कई मंदिर हैं लेकिन सबसे खास बात ये है कि इस सृष्टि को बनाने वाले ब्रह्मा जी का पूरे भारत में केवल एक ही मंदिर है,,,और इसका कारण है उन्हें मिला श्राप। सिर्फ राजस्थान के पुष्कर में ही ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर है। कहा जाता है पुष्कर में 10 हजार सालों तक रहकर ब्रह्मा जी ने पूरी सृष्टि की रचना की।