चार धामों में से एक जगन्नाथ पुरी का अपना विशेष महत्व है. भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का ये मंदिर ओडिशा के पुरी में स्थित है. यहां हर साल आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा की रथयात्रा निकाली जाती है. इसबार इस रथयात्रा का शुभारंभ एक जुलाई को और समापन आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानि 12 जुलाई को होगा.
ऐसी मान्यता है कि इस तिथि को भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अपनी मौसी के घर गुंडीचा जाते हैं. इसके पीछे की कहानी ये है कि एक बार सुभद्रा ने भगवान जगन्नाथ से नगर का भ्रमण करने की इच्छा जताई, तभी से रथयात्रा निकालने की परंपरा की शुरुआत हुई. ये यात्रा तीन दिव्य रथों पर निकाली जाती है. रथयात्रा के दौरान सबसे आगे बलभद्र का रथ, उनके पीछे बहन सुभद्रा का रथ और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ होता है. भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी के घर पर सात दिनों तक रहते हैं और 8वें दिन इन रथों की वापसी होती है. कहते हैं इस रथयात्रा में शामिल होने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.