श्री दुर्गा सप्तशती के पाठ का विशेष महत्व है. इसमें 700 श्लोक होने के कारण इसे सप्तशती कहा गया है. इसमें महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की महिमा का वर्णन मिलता है.
श्री दुर्गा सप्तशती के पहले पाठ से हर तरह की चिंताएं दूर होती हैं. दूसरे अध्याय के पाठ से शत्रुबाधा दूर होती है. तीसरे अध्याय का पाठ करने से शत्रुओं का विनाश होता है. श्री दुर्गा सप्तशती के चौथे अध्याय का पाठ करने से मां दुर्गा के दर्शनों का सौभाग्य मिलता है. 5वें अध्याय का पाठ करने से भक्ति और शक्ति का आशीर्वाद मिलता है. छठे अध्याय का पाठ करने से दुख और दरिद्रता दूर होती है. 7वें अध्याय का पाठ करने से खास मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. 8वें अध्याय का पाठ किसी से मित्रता करने के लिए है. 9वें अध्याय का पाठ संतान प्राप्ति और उन्नति के लिए है. 10वें अध्याय का पाठ भौतिक सुविधाएं प्राप्त करने के लिए है. 12वें अध्याय का पाठ मान-सम्मान एवं लाभ दिलाने के लिए है और 13वें अध्याय का पाठ मोक्ष के लिए किया जाता है.