ऐसा कहा जाता है कि मंत्रों में बहुत शक्ति होती है। ये सत्य भी है क्योंकि इसका उल्लेख हमें वेदों में मिलता है। अगर वेदों की बात की जाए तो उनमें बहुत से मंत्रों के प्रभाव के बारे में बताया गया है। किसी भी मंत्र के उच्चारण में शुद्धता का होना बेहद जरूरी है। मंत्र के नियमित उच्चारण से व्यक्ति मानसिक रूप से काफी शक्तिशाली हो जाता है। किसी मंत्र का बार-बार उच्चारण ही जप कहलाता है।
वैसे तो लगभग सभी मंत्रों की शुरुआत ओम से ही होती है। क्योंकि ओम परमात्मा का परिचायक है। जब भी कोई ओम का जाप करता है तो उस वक्त सबसे ज्यादा ऊर्जा संचरित होती है। मंत्रों के जप से व्यक्ति के अंदर उत्पन्न ध्वनि तरंगों से व्यक्ति का सूक्ष्म शरीर सक्रिय हो जाता है जिससे सकारात्मक परिणाम और लाभ मिलता है। बार-बार जप करने से व्यक्ति की मन: स्थिति काफी अच्छी हो जाती है और व्यक्ति सफल, स्वस्थ और हर्षित महसूस करने लगता है। इसके अलावा मन में आत्मविश्वास भी बढ़ता है।