सूर्य को नौ ग्रहों में राजा माना गया है। सूर्य पुरुष प्रधान होने के साथ-साथ एक तेज ग्रह है। ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। इसके अलावा सूर्य को पिता और सत्ता का कारक भी माना जाता है। सूर्य को महर्षि कश्यप का पुत्र माना गया है। मां का नाम अदिति होने के कारण इन्हें आदित्य नाम से पुकारा जाता है। कुंडली में सरकारी नौकरी का योग सूर्य के कारण ही बनता है।
कुंडली में अगर सूर्य अच्छी स्थिति में है तो वो मान, सम्मान, यश और कीर्ति दिलाता है। सूर्य के बलशाली होने पर सरकारी नौकरी मिलने की प्रबल संभावना रहती है। यही सूर्य जब किसी की कुंडली में बलहीन होता है तो वो स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां खड़ी कर देता है। ह्रदय, हड्डियों, पेट, चेहरे और आंखों पर सूर्य का आधिपत्य होता है, इस कारण बुखार, सिरदर्द, ह्रदय और आंखों में पीड़ा के साथ ही पाचन तंत्र से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। कुंडली में सूर्य पिता का प्रतिनिधित्व करता है,,,जबकि किसी महिला की कुंडली में यह उसके पति के बारे में बताता है। सूर्य उच्च प्रशासनिक पद और समाज में मान-सम्मान दिलाता है। यह ग्रह नेतृत्व की क्षमता रखता है।