पितर पक्ष के इन 15 दिनों को पूरी तरह से पूर्वजों के लिए समर्पित माना गया है. ज्योतिषियों की मानें तो पितर पक्ष के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों पर पितरों का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है. ऐसे बच्चे अपने और अपने परिवार के लिए भाग्यशाली होते हैं. ये आगे चलकर खूब उन्नति करते हैं.
ऐसा कहा जाता है कि मृत्यु के समय परिवार के प्रति सारा मोह त्याग देना चाहिए. ऐसा न करने पर मरने वाले व्यक्ति को अपने परिवार की चिंता सताती है और फिर उसका जन्म उसी परिवार में होता है. जन्म लेने वाले बच्चों में कुछ खास गुण, अवगुण और रोग उसके पूर्व जन्मों का ही फल माना जाता है. पितर पक्ष के दौरान रोजाना पितरों को याद करने से पूर्वजों की आत्मा संतुष्ट होती है और व्यक्ति को लंबी आयु, निरोगी काया, पुत्र, यश, बल, धन और वाहन,, हर तरह से समृद्धि और मोक्ष प्राप्त कराते हैं.