जब भी शनि ग्रह का ज़िक्र होता है तो मन में ये ख्याल आता है,, कि आखिर शनि देव का कष्ट इतना पीड़ादायक क्यों होता है. दरअसल शनि देव सूर्य देवता और छाया माता के पुत्र माने जाते हैं. जब शनि देव का जन्म हुआ तो उनका रंग बहुत काला था. इतना काला कि सूर्य देव ने उन्हें अपना बेटा मानने से इंकार कर दिया.
शनि देव जब बड़े हुए तो उन्हें इस बारे में पता चला,,,तभी से उनके मन में अपने पिता के प्रति क्रोध पनपने लगा और उन्होंने अपनी माता के साथ किए गए पिता के व्यवहार से दुखी होकर शिव जी की आराधना करनी शुरू कर दी. सूर्य देव से ज्यादा तेजस्वी और शक्तिशाली बनने की चाह में उन्होंने कठोर तपस्या कर भोलेनाथ को प्रसन्न कर वरदान पाया. शिव जी ने शनि देव को न्याय का देवता बनाया,,,यही वजह है शनि देव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार दंड देते हैं. लेकिन शनि देव की एक विशेषता भी है,, अगर वो किसी को कष्ट देते हैं तो अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति को अंत में पुरस्कारस्वरूप फल भी देते हैं.