कहते हैं कलयुग का पूरा दारोमदार या तो रामभक्त हनुमान के कंधों पर है या फिर मां दुर्गा पर। मां दुर्गा शक्ति का रूप हैं और उनकी आराधना से लोगों के सारे दुख दूर हो जाते हैं। महिषासुर जैसे राक्षस का वध करने वाली मां दुर्गा की अपने भक्तों पर विशेष कृपा रहती है। माता की पूजा-अर्चना से सभी मनोकामना पूर्ण होती है।
मां दुर्गा से ही जुड़ा है श्री दुर्गा सप्तशती मंत्र। ये मंत्र बड़ा ही लाभकारी है। नवरात्र के महीने में श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से माता प्रसन्न होती हैं और मनचाहा वरदान देती हैं। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है। इसके पाठ से धन, सुख-समृद्धि, यश-सम्मान और शांति मिलती है। श्री दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इसमें 30 सिद्ध संपुट मंत्र दिए गए हैं। श्री दुर्गा सप्तशती के हर अध्याय के पाठ का अपना अलग-अलग महत्व है। मां दुर्गा की आराधना के समय इन मंत्रों का जाप करना अच्छा रहता है।