सिर पर मोरपंख, हाथों में बांसुरी और मधुर मुस्कान लिए गायों के साथ श्रीकृष्ण की छवि बेहद ही आकर्षक लगती है। मन में कोई भी परेशानी हो, बस उनके स्मरण मात्र से मानो सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। भादो महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में भगवान नारायण के अवतार के रूप में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है। ये पर्व पूरे भारतवर्ष में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी पर कृष्ण जी के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। जन्माष्टमी के दिन कुछ लोग व्रत भी रखते हैं। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर जगह-जगह झांकियां सजाई जाती हैं। तमाम ज्योतिषियों के अनुसार इस बार जन्माष्टमी 11 और 12 अगस्त दोनों दिन मनाई जाएगी।
जन्माष्टमी के मौके पर अगर आप भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करना चाहते हैं तो कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखें। श्री कृष्ण को मोरपंख और बांसुरी बेहद पसंद है। इसलिए हो सके तो जन्माष्टमी के दिन कृष्ण भगवान को मोरपंख और चांदी की बांसुरी जरूर चढ़ाएं। घर में गाय और बछड़े की एक छोटी सी प्रतिमा लाने से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और संतान से जुड़ी सभी परेशानी दूर होगी। शंख में दूध भरकर कृष्ण भगवान का अभिषेक करें और छप्पन भोग चढ़ाएं। ऐसा करने से आपके जीवन में खुशहाली आएगी।